मे और महाराज - ( जलन_२ ) 29

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एक दूसरे को ताना मारते हुए आखिरकार सब ने खाना खत्म किया। सिराज के मुंह से निकली हुई बात शायरा की बहन को एक तीर की तरह चुभीं थी। क्योंकि सिराज के वहां होते हुए वह शायरा को कोई जख्म नहीं दे सकती थी। इसलिए उसने उस घर के बुजुर्ग नौकरानी को अपना निशाना बनाया।वो शायरा की दाई रह चुकी थी। समायरा के इस जगह पर आने केेेे बाद भी एक वही इंसान थी जिन्होंने उससे अच्छा बर्ताव किया था। उसकी बड़ी मां और बहन जानती थी कि समायरा को यह घाव गहरा लगेगा। उन्होंने बाहर चबूतरे के पास उस