अध्याय अठारह यह कथा दर्शाती है कि किस प्रकार निष्ठा पूर्वक अपने कर्तव्य का पालन करने से व्यक्ति आत्म ज्ञान प्राप्त कर सकता है । कहानी (26) मैं चिड़िया नहीं कौशिक नाम के एक ऋषि ने अलौकिक दिव्य शक्ति प्राप्त कर ली थी । एक दिन वे ध्यान मुद्रा में एक पेड़ के नीचे बैठे थे । पेड़ की चोटी पर बैठी चिड़िया ने उनके ऊपर बीट कर दी । कौशिक ने उसकी ओर क्रोध से देखा उनकी क्रुद्ध दृष्टि से