(50)निर्भय के मन में जो बात आई थी उसके बारे में सुनकर मानवी सोच में पड़ गई थी। कुछ देर तक वह भी उस पर विचार करती रही। उसके बाद बोली,"तुमको लगता है कि यह रमन सिंह अंजन है। लेकिन ऐसा कैसे हो सकता है। मीरा ने उसके ऊपर हुए हमले में हमारी मदद की थी। अब वह उसकी मदद क्यों करेगी।""यह बात मेरे मन में भी आई थी। मैंने इस पर बहुत सोचा। मुझे ऐसा लगता है कि अंजन ने बड़ी चालाकी से उसे इस बात का यकीन दिलाया होगा कि वह उसे अभी भी प्यार