मौत का खेल - भाग-11

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कौन था वह सलीम ने आज जम कर मेहनत की थी। उसे यकीन था कि उस की जानकारी सोहराब को खुश कर देगी। जब वह कोठी पर पहुंचा तो दोपहर ढल चुकी थी। पूरी कोठी में तलाशने के बाद आखिरकार सोहराब उसे लाइब्रेरी में मिल गया। वह चांद के बारे में कोई किताब पढ़ रहा था। सोहराब अभी भी किताबों पर ही भरोसा करता था। उस का मानना था कि नेट पर दी गई ज्यादातर जानकारी अधकचरी है। किताब अब भी रिसर्च के बाद और उस विषय के जानकार ही लिखते हैं। सोहराब ने सार्जेंट सलीम के खिले-खिले चेहरे को