हिन्दी या हिंग्लिश भाषाएं रस बदलती है, विलुपत होती है और परिष्कृत होती हैं। भाषाओं के परिवर्तन का सिलसिला हमशा जारी रहता है। वर्तमान में विश्व में लगभग ७००० भाषाएं बोली जाती हैं, जिनमें से लगभग १५०० भाषाओं पर विलुप्त होने का खतरा मंडरा रहा है। जिन्हें विलुप्त होने से बचाने के लिए एण्टुरेन्स वाइस नाम का प्रोजेक्ट चलाया जा रहा है। बहुभाषी, सरल और अभिजात्य समझी जाने वाली भाषाएं अन्य भाषाओं के लिए विलुप्त होने का कारण बनती हैं। शोध के अनुसार कुछ भाषाएँ भौगोलिक परिस्थितियों, व्याकरण, बोलने वालों की अरूचि, लिपिगत कठिनाई और समय के