काश

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********** सर से पाव तक नज़ाकत, अंदाज़ ऐसे कि कोई देखे तो दो पल के लिए आँखे जरूर ठहर जाए। कुछ महीनों पहले ही मिली थी मैं "मिली" से, लेकिन गहरी दोस्ती हो गई थी हमारे बीच। तीखे नैन-नक्श वाली मिली के गेंहुए रंग में एक अजीब सी कशिश थी। बातें करने का आभिजात्य तरीका दिलकश था। कभी दुखी भी होती तो एक अदा से। अक्सर सोचती मैं कि क्यों छोड़ा होगा इसके पति ने इसे? कई बार पूछना भी चाहा लेकिन इतनी पुरानी नहीं थी हमारी दोस्ती और एकदम से खुल जाना,