टेढी पगडंडियाँ - 5

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टेढी पगडंडियाँ - 5 बसंत खेत में मुङ गया तो वह मुँह धोने नल पर चली गयी । हाथ मुँह धोकर वह रसोई में गयी । कैन का दूध पतीले में उलटाकर उसने गैस पर चढा दिया । और परात खींच कर आटा छानने लगी । आटा छानते हुए वह फिर से सोचने लगी – अगर वह इस समय अपने घर पर होती तो माँ इस समय नमक डली बेसनी रोटियाँ बना रही होती और वह लस्सी के साथ गरम गरम रोटी खा रही होती । माँ मनुहार कर करके रोटियाँ खिलाती । उसका पेट भर जाता पर