उपन्यास भाग—१६ दैहिक चाहत –१६ आर. एन. सुनगरया, छुट्टी के दिन का अपना जुदा ही असर रहता है, माहौल पर, दिनचर्या पर, आदतों पर दिल-दिमाग अथवा मानसिकता पर..........ऐसे ही स्वाभाविक प्रभाव में शीला, अपने केश, सेम्पु बगैरह से धोकर, सोफे पर किनारे में