मे और महाराज - ( एक एहसास_१) 26

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" कल रात बड़े राजकुमार अमन पर किसी ने जानलेवा हमला किया।" गौर बाई की बाते सुन समायरा और मौली की आंखे बड़ी हो गई। पर अपने आप को संभालते हुए समायरा ने तुरंत कुछ ना जानने का नाटक बखूबी किया। उन दोनो से कोई बात और भाव ना मिलने की वजह से गौर बाई का गुस्सा बढ़े जा रहा था। " ये नाचिज बस आपकी शुभ चिंतक है राजकुमारी। इसिलिए सोचा आपको आपके पहले प्यार का हाल सुनादु।" " इन सब में तुमने सिर्फ एक बात सही कही।" समायरा ने खुश होते हुए कहा।" कौनसी राजकुमारी ?" गौर बाई को