पंछी उसे नज़रअंदाज़ करते हुए क्लास में प्रवेश करने वाली ही होती है कि निल रोक देता है और कहता है - कल गार्डन में तुम ऋषि से क्या कह रही थी ? पंछी - नही कुछ नही कह रही थी । निल - मैने सुना तुमने क्या कहा जो, वो सच था क्या ? पंछी - हां , सच था और उसने हां भी कर दी है। , तुम्हें अपनी खैर चाहिये तो मुझसे तो दूर ही रहना वरना ऋषि कुछ भी कर सकता है फिर मुझे मत कहना कि पंछी मुझे बचाओ , मुझे बचाओ। हर्ष उसके पीछे खड़ा