माताजी का दर्शन कर उनकी नयनरम्य छवि को अपनी आँखों में बसाये हम लोग गुफा से बाहर आये । गुफा के प्रवेश मार्ग के दायीं तरफ से ही निकास का मार्ग बना हुआ था । यात्रियों की कतार निकलने के लिए भी उतनी ही उतावली थी । कुछ उत्साही यात्रियों को आगे जाने का मार्ग देकर हम लोग भी कतार में ही सीढियों से निचे उतरे ।लगभग 30 सीढियाँ उतरने के बाद कुछ कदम ही आगे बढे होंगे की बायीं तरफ कुछ पुजारी कतार में चल रहे यात्रियों को प्रसाद और माताजी की तस्वीरयुक्त सिक्के वितरित कर रहे थे ।