राजवीर के पापा के गुज़र जाने के बाद उसके सबसे करीब कोई था तो वह था उसके पापा का ड्राइवर महेश, महेश अंकल की बात को राजवीर कभी नहीं टालता था, गौरी को अपने लिए लकी मानना बहुत अटपटा था लेकिन राजवीर किसी भी तरह अपने कारोबार को बचाना चाहता था, महेश अंकल जानते थे राजवीर उसकी बात कभी नहीं टालेगा, उसने गौरी के बारे में पता लगाना शुरू कर दिया, एक दिन महेश अंकल ने अनाथालय के बच्चो के लिए एक प्रतियोगिता रखी जिसमे गौरी पढ़ाती थी, उस प्रतियोगिता का जज बनकर राजवीर को जाना था, राजवीर को जब