खाने में आनंद आ गया। बहुत सादा और स्वादिष्ट खाना था।भोजन के बाद भी आपस में बातें करते- करते वो सभी दोस्त लगभग एक घंटा और वहीं बैठे रहे।इस समय सभी हल्के - फुल्के लिबास में अनौपचारिक हो कर आए थे। अब आगोश ने एक बार फ़िर वही बात छेड़ी जो वो मनप्रीत और मधुरिमा के कमरे में पहले ही उन लोगों को बता चुका था। लेकिन किसी ने भी उसकी बात का कोई उत्तर नहीं दिया था। सब उससे ही जानना चाहते थे कि आख़िर उसने क्या सोचा है? क्या है उसका प्लान?सभी उत्सुकता से आगोश की ओर देखने लगे।ऐसा लग