उपन्यास भाग—१४ दैहिक चाहत –१४ आर. एन. सुनगरया, ‘’हैल्लो......तनया अभी तक पहुँची नहीं।‘’ ‘’टू व्हीलर में पेट्रोल भरवाना था.......पेट्रोल पम्प पर पहले ही लम्बी लाईन थी........ अभी पहुँची।‘’ ‘’हॉं जल्दी आ, मगर सुरक्षा पूर्वक.....।‘’ तनूजा व्याकुल है, कैसी, कैसी शंका-कुशंकाएँ उमड़-घुमड़ रही हैं, दिमाग में।