5 सालो के इंतज़ार के बाद आखिर आयुष ने फैसला कर ही लिया था, अब या तो वो अंजलि को अपने दिल की बात कह देगा या उसे भूल जाएगा, हालाँकि ये बात उसे भी पता थी की वो अंजलि को कभी भूल नहीं पाएगा, उसकी पूरी रात इसी प्लानिंग में गुजरी, उसको अंजलि की हर एक बात मालूम थी, अंजलि के स्कूल की टाइमिंग, उसके कोचिंग की टाइमिंग, उसके घर से बाहर निकलने की टाइमिंग, वो घर से बाहर कब अकेले निकलती है और कब उसके साथ कोई होता है, अंजलि केंद्रीय विद्यालय की दोपहर वाली शिफ्ट में पढ़ती