(43)अंजन ने गौर किया। सिक्योरिटी इंचार्ज के अलावा दो लोग और थे। उसने अपनी गन सागर खत्री के सर से सटाकर कहा,"मुझे मीरा को लेकर यहाँ से जाने दो नहीं तो इसका सर उड़ा दूँगा।"सागर खत्री पहले ही नशे में था। मार खाने के बाद उसमें अंजन का विरोध करने की क्षमता नहीं बची थी। पर उसका दिमाग चल रहा था। उसने सोचा कि अगर अंजन को रोकने की कोशिश करेगा तो वह उसे जान से मार सकता है। उसे जाने देना ही अक्लमंदी है। अंजन यहाँ किसी को जानता भी नहीं है। उसके पास साधन भी नहीं हैं।