" वाउ। कितने कुल हो तुम।" जूही की कही बाते अभी भी वीर प्रताप के कानो मे गूंज रही थी। अपने लिविंग रूम मे टहलते हुए। एक सुकूनभरी मुस्कुराहट के साथ वो कुछ पल थम गया। तभी राज ने घर मे एंट्री ली।" वाउ अंकल। आज तो आप काफी अच्छे मूड मे लग रहे है । स्माइली स्माइली। आंटी मिली थी क्या ???" राज ने मज़ाक करते हुए पूछा। " किस भाषा मे समझावु ? इस घर मे तुम्हारे लिए कोई जगह नही है। चले जाओ।" वीर प्रताप ने नकली गुस्सा दिखाते हुए कहा।" अरे में तो दूसरे अंकल से मिलने