अर्पण--भाग (७)

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देवनन्दिनी से कुछ देर बातें करके श्रीधर अपने केबिन में चला गया लेकिन देवनन्दिनी कुछ परेशान सी हो गई थी श्रीधर की बातें सुनकर, क्योंकि वो नहीं चाहती थी कि उसकी छोटी बहन को ये एहसास हो कि वो बिल्कुल अकेली है और उसका ख्याल रखने वाला कोई नहीं है,वो जल्द ही इस समस्या का समाधान खोज निकालना चाहती थी,वो दिनभर अपने केबिन में चैन से ना रह पाई,उसे लग रहा था कि सच में वो अपनी छोटी बहन का ख्याल नहीं रख पा रही,अपने पिता जी को उनकी मृत्यु के समय उसने जो वचन दिया था कि वो हरदम