आलेख - जाने कहाँ गए वो दिन हमारे शरीर के अंदर अतीत की यादें सोयी रहती हैं . आज एक अर्से बाद फिर अपने बचपन की याद आयी है . अतीत की देह को हमने जब झंझोरा वह फिर से जाग कर मेरी आँखों के सामने खड़ी हो गयी . हमने खुद से आज की हालातों और अपने बचपन की हालातों का