प्रेम निबंध - भाग 2

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मैं सन 2012 में दिल्ली आया। एक बड़ा शहर बड़ी ख्वाहिश बड़े सपने और बड़ी मंजिलों को पाने के लिए हर एक व्यक्ति ऐसे बड़े शहरों की ओर एक न एक बार जरूर रुक करता है मैं भी उनमें से एक था ऐसा लगता था मानो दिल्ली के लिए मन सतह प्रेमा कुल होता है जैसे कि जोधा अकबर की कहानी को भी दिल्ली ने ही कभी सजाया हो। मैं दिल्ली आ तो गया था जैसे तैसे करके हम लोग अपनी पेट पूजा भी कर लेते थे लेकिन बात सपनों की थी तरक्की की थी और किसी चीज को पाने