चम्पा वेद का काव्य संग्रह ‘अब सब कुछ‘ पुस्तक समीक्षा- अब सब कुछ: ताजगी भरी कविताऐं। राजनारायण बोहरे चम्पा वेद का नाम कुछ बरस तक अंजाना सा था, कुछ बरस में ही उनकी शानदार कविताओं के साथ हिन्दी कविता में यह नाम यकायक नामचीन हो गया , और चम्पा बेद का नाम कृष्ण बलदेव बेद के परिचय के बिना ही अपना स्वतंत्र परिचय स्थापित कर चुका है। चम्पा बेद के काव्य संग्रह ‘अब सब कुछ‘ में उनकी कुल 54-55 कविताओं के साथ कविता की ताजगी को सहज रूप से देखा जा सकता है। इन कविताओं से गुजरते हुये