इन्तजार एक हद तक - 7 - (महामारी)

  • 6.5k
  • 2.2k

हकीम पुर गांव की वो दास्तां को हुए दो साल हो गए पर मानो कल की बात हो।।अगले दिन सुबह रमेश आफिस के लिए तैयार हो गए और बच्चे भी तैयार हो कर लंच बॉक्स लेकर चले गए।रमेश बोला चन्दू बच्चों को नाश्ता ठीक से करा दिया ना।चंदू बोला हां बेटा, तुम ठीक से खा लो।रमेश भी आफिस के लिए निकल गए।फिर चन्दू रोजमर्रा के काम करने के बाद सब्जी मंडी चला गया।रमेश आफिस में अपने सपने वाली बात अपने दोस्तों को बताया।सभी ने कहा कि रमेश तुम ज्यादा सोचो मत ये शायद तुम्हारा वहम है। क्योंकि काफी साल बीत गए।