सब लोग मंदिर पहुंच गए थे। मंदिर दोसो साल पुराना था, लेकिन एकदम नया ही दिख रहा था। मंदिर की शिल्पकला अद्भुत थी। मंदिर के प्रवेशद्वार पर दोनो तरफ एक एक शेर की मूर्ति रखी गई थी। मंदिर की तीन मंजिलें थीं। मंदिर के ऊपर 'जय चामुंडा मां' लिखी ध्वजा हवा में लहरा रही थी। निजमंदिर में मां चामुंडा की दो मुखी प्रतिमा स्थापित की गई थी। माँ के चेहरे पर अपार चमक थी। माँ को आज हरे रंग की चुनरी चढ़ाई गई थी। माँ को श्रृंगार भी शानदार किया गया था।