मेरी नजर से देखो - भाग 3 - सरकारी दफ्तर की महंगी चाय

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...कि मेरी पत्नी के भाई यानी मेरे साले मजबूरदास की काॅल आ गई। अपनी जीजी से मिलने को आ रहा था। मैने अपनी पत्नी को कहा तेरा भाई आ रहा है, कुछ पकवान बना लो। वैसे तो हमारे साले साहब की भी सरकार के तंत्र के साथ बडी रोचक कहानी है, इतने में वो आए मै आपको बता देता हूँ कि आखिर वो कैसे इन सरकारी झमेलो में आ गए?... ---------------- ---------------- ---------------- ---------------- मजबूरदास का जैसा नाम वैसा ही स्वभाव। इसके माथे पर शिखर हमेशा ज्यों की त्यों रहती है। और बुढापा उम्र से पहले आ गया, अभी उम्र