दहशत में वर्तमान

  • 6.2k
  • 1.6k

विषय : दहशत में वर्तमान ( एक अनुसंधान युक्त विश्लेषण )Truth is forever" सत्य सदा रहता, वक्त बोल कर कह नहीं सकता, पर अहसास तो करा देता। सवाल ये नहीं कौन सहमत और कौन सहमत नही, कौन इस कथन को अंदर से किस हद तक स्वीकार करता ? परंतु समय कह रहा, स्वीकार करों या नहीं, मेरी धुरी तो यही है, इस पर ही मेरा अस्तित्व घूमता है, पर हर चक्र में कुछ नये घटनाक्रम के साथ हर एक के लिए अलग, अलग रुप में। विज्ञान के बढ़ते चरणों की आहट से प्रभावित इंसानियत को आज कालचक्र से एक अनचाहा झटका