चन्द्र-प्रभा--भाग(२३)

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सबने सहमति जताई कि महाराज अपार शक्ति के पुतले को अब शीघ्र ही उनके पूर्व रूप ले आना चाहिए, अब वो ही कोई सुझाव बताएंगे भालचन्द्र को स्वर्णमहल से मुक्त कराने का,सहस्त्रबाहु अत्यधिक चिन्तित हो उठा,उसे बस ये चिंता खाएं जा रही थी कि भालचन्द्र को बंधक बनाने के उपरांत अम्बालिका ना जाने उसके संग कैसा व्यवहार करें, इसलिए उसने नागदेवता और विभूतिनाथ से प्रार्थना की कि वे शीघ्र है महाराज अपारशक्ति को उनके पूर्व रूप मे लाने का कष्ट करें।। विभूतिनाथ जी बोले,भोर होते ही इस कार्य को पूजा अर्चना के समय पूर्ण किया जाएगा,मैं ही इस कार्य