अमित भट्टाचार्य जी की पत्नी बीमार थीं। परिवार में और कोई नहीं था इसीलिए उन्होंने आज दफ्तर से अवकाश लिया हुआ था। खुद कभी किचन में झाँकने का मौका कभी मिला ही नहीं था। उनकी पत्नी रश्मि एक कुशल गृहिणी थी और अमित का बहुत ध्यान रखती थी। उनकी मनपसंद हर चीज बनाना और उन्हें प्यार से खिलाना ही उसका एकसूत्रीय कार्यक्रम हुआ करता था लेकिन अपनी बीमारी से लाचार अब वह खुद ही उन पर आश्रित हो गई थी। नाश्ते का समय हो गया था और रश्मि की बेबसी को महसूस कर अमित जी ने उसे धैर्य रखने के