आनंदी बहुत ही इमोशनल हो गई ये सुनकर की उसकी मां भी आ रही है। रीतू ने कहा तुम ज्यादा सोचो मत बस अपनी मंजिल पर आगे बढ़ती जाओ।सेकंड ईयर की पढ़ाई बहुत ही कठिन हो गया।आनंदी ने कहा हां दीदी मैं जरूर अपनी पढ़ाई पूरी कर लुंगी।फिर दो दिन की छुट्टी के बाद आनंदी की कालेज शुरू हो गई थी।वो सारे लेक्चरर्स को बहुत ही ध्यान से सुना करती थी और हमेशा ज़बाब भी दिया करती थी।जब भी खाली रहती तो लाइब्रेरी में जाकर किताबें पढ़ना शुरू कर देती है अब सिर्फ उसका एक ही खाहिश था आई एस अफसर