बुजुर्गों की परेशानी

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चंद्रमा पर राष्ट्र्भूमि केंद्र विद्यालय नामक संस्था चलती है। इस विद्यालय का चंद्रमा पर ‘जाल’ बिछा हुआ है। विद्यालय का जाल इतने सुदृढ़ तरीके से बिछा है कि सभी अध्यापकों में एक परिवार का रिश्ता बन गया है। वर्ष के दस महीने अध्ययन-अध्यापन का कार्य कर शिक्षक वर्ग लगभग डेढ़ महीने के लिए पृथ्वी पर अपने गृहनगर की सैर पर जाते हैं तथा तरोताजा होकर वापस चन्द्रमा पर आकर अपने अध्ययन कार्य में लग जाते हैं। यह क्रम चलते रहता है। इस बीच यदि पृथ्वी पर कोई शिक्षक जाता है तो दूसरे सहकर्मी अध्यापकों की खोज-खबर भी लाता है। बहुत-से