तब रामू की उम्र 13-14 वर्ष रही होगी जब वह अपनी भैंस चराने दूर खेतों में ले जाता था।हर रोज दोपहर 3 बजे स्कूल से आने के बाद वह झटपट खाना खाता और अपनी प्यारी छड़ी(जिसे वह भैंस चराने के लिए उपयोग करता था) लेकर भैंस खूंटे से छोड़ देता।भैंस जिसका नाम उसने सलोनी रखा था उसने 3 महीने पहले एक प्यारी पड़िया को जन्म दिया था जिसे रामू ने मुनिया नाम दिया था।रामू उसे बहुत प्यार करता था।एक तो जानवरों से उसका प्रेम, दूसरा नन्ही मुनिया दिखने में भी खूब आकर्षक थी।काले, मुलायम बालों वाली मुनिया के माथे पर