उपन्यास भाग—७ दैहिक चाहत –७ आर. एन. सुनगरया, मानवीय रिश्तों का वर्गीकरण यथास्थिति अनुसार होता है। उनका नामकरण परम्परागत आवश्यकता के आधार पर होता है, जैसे खून का रिश्ता, इन्सानियत का रिश्ता इत्यादि। रिश्तों के अनेक नाम प्रचलित हैं। कब किससे, कौन सा रिश्ता स्थापित हो जायेगा।