प्लेटफार्म एक के अंतिम छोर पर खाली पड़ी बैंच पर वह आकर बैठ गया।जून का महीना।सूरज ढल चुका था।आसमान एकदम साफ था।शाम भी अपनी अंतिम अवस्था की ओर बढ़ रही थी।अंधरे की परतें आसमान में नज़र आने लगी थी।उसने हाथ मे पहनी घड़ी में समय देखा।साढ़े छः बजे चुके थे।ट्रेन आने में अभी समय था।जोधपुर से आने वाली और अहमदाबाद को जाने वाली ट्रेन का क्रासिंग इसी स्टेशन और होता था।अभी ट्रेनों के आने में समय था।आज वह सोचकर आया था।चाहे जो हो जाये।आज वह पत्र ज़रूर डालेगा।सुबह से एक के बाद एक कई कागजो में दो चार शब्द लिखने