रमेश ने एक बहुत पुराना घर खरीदा। परंतु यह घर बहुत मजबूत था। यह उसे नाममात्र की कीमत पर सामान सहित मिल गया। घर पुस्तकों व पुराने सामान से अटा पड़ा था। रमेश ने फालतू पुस्तकों व फालतू सामान को बेच दिया। इससे उसे कुछ धन प्राप्त हुआ और उसने घर, सामानो व पुस्तकों की मरम्मत करवाई। बगीचे को सुंदर किया तथा घर का रंग - रोगन भी करवाया। घर में 10 कमरे थे। उस ने एक कमरा पुस्तकों के लिए व दो कमरे खुद के लिए रखे। बाकी सात कमरे ₹35000 प्रतिमाह के किराए पर चढ़ा दिए।