टापुओं पर पिकनिक - 11

  • 6.3k
  • 2.2k

सुबह लगभग दस बजे तक जाकर बच्चे उठे। आगोश की नींद तो अब तक नहीं खुली थी क्योंकि वो सबसे बाद में काफ़ी देर से सोया था।नौ बजे के आसपास जब मनन के घर से फ़ोन आया तब तो आगोश की मम्मी ख़ुद अपने बेडरूम में कमर सीधी करने के लिए लेटी हुई थीं। उनकी भी नींद कहां पूरी हुई थी। मनन के सिरहाने रखा फ़ोन देर तक बजने पर उन्होंने ही आकर उठाया।पर उन्होंने मनन की मम्मी से कह दिया कि वो चिंता न करें, बच्चे अभी सोए हुए हैं। थोड़ी देर में ड्राइवर भी आयेगा तब बच्चों के