वह है मेरे फ्लैट के सामने वाले फ्लैट से आज अचानक रोशनदान से छन कर प्रकाश बाहर आ रहा था। एक वर्ष से बन्द पड़े उस मकान में शायद कोई रहने आ गया है। रोशनदान से छन कर आती प्रकाश की किरणों को देख कर मेरे हृदय मे प्रसन्नता के साथ ही साथ आगन्तुक के प्रति उत्सुकता के भाव भी जागृत होने लगे। इसका कारण कदाचित् यह होगा कि इस शहर में आये हुए मुझे एक वर्ष से कुछ ही अधिक हुए हैं। मैं पति के स्थानान्तरण के पश्चात् प्रथम बार दिल्ली से लखनऊ आयी थी तो मन