‘ छ पा ऽऽक’अंधेरे की भयानकता को लाख गुना बढ़ाता एक शब्द गूंज उठा और साथ ही पिंकू कुंए की गहराई में गिरता चला गया.यह सब अचानक ही हुआ. पिंकू कल ही तो नानी के घर आया है. उसे अभी तो कुएं, पिछले गेट आदि की दिशा का ठीक-ठीक अंदाजा भी नहीं हुआ था. और रात को वो अचानक इस कुएं में भी जा गिरा.गिरते ही ढेर सारा पानी अपने आप ही उसके पेट में समा गया. नाक-कान, आंख सभी में पानी भर आया. तैरना बिल्कुल न जानता हो वह, ऐसी बात नहीं. पर कुएं में तैरना?लेकिन नीचे डूबने से