टूटते रिश्ते

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"चलो....तुम कहती हो तो मैं तैयार हूँ तुम्हारी बात मानने के लिए !! तुम महिलाएं नही जी पाती हो अपनी ज़िंदगी अपने तरीके से ! मायके में हमेशा घरवालो की मर्ज़ी से रहना पड़ता और शादी के बाद ससुराल वालों के हिसाब से ! ऐसे में तुम्हे अपने हिसाब से रहने का मौका नही मिल पाता है..!! मैं समझता हूँ तुम्हारी परेशानी को..!! और इसके लिए मैंने एक उपाय भी सोचा है !!" "क्या??" पत्नी ने पति के कंधे से सिर हटाकर हैरानी से पूछा। "हम लोग अब वहां नही रहेंगे!!" पति ने थोड़े उदास स्वर में कहा। जिसे सुनकर