आग और गीत - 14

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(14) “मैं समझ गया कि तुम क्या जानना चाहती हो ।” राजेश ने बात काटकर कहा “तुम चाहती हो कि मैं अपने बारे में बता दूं और तुम जाकर उस उजली भेड़ को बता दो और वह मुझे पकड़वा कर क़त्ल कर दे, क्यों, है ना यही बात ?” “ए, यह तुम कैसी बात कर रहे हो ।” निशाता बिगड़ गई “तुमने मेरी इज्ज़त बचाई है और मैं तुमको क़त्ल कराउंगी । तुमने बहुत ख़राब बात कही है । हम लोग किसी को जान से नहीं मारते, मगर...।” वह रुक गई । राजेश ने उसे टोका । “हां हां, कहो,