आग और गीत - 4

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(4) राजेश ने मुस्कुरा कर टेली फोन को आंख मरी फिर से खुजाते हुये माउथ पीस में कहा । “यार मलखान ! उस औरत के बाल बड़े सुंदर थे ।” “मैंने तुमसे सच कह रहा हूँ कि मैंने उसकी लाश ही देखी थी ।” – मलखान की आवाज आई “उससे मेरी पहले से मुलाक़ात नहीं था । ” “उसका नाम क्या था ? ” – राजेश ने पूछा । “उसका नाम मार्या था – केब्रे डान्सर थी ।” – आवाज आई “अब मेरी इज्ज़त तुम्हारे हाथ में है ।” “अरे ! शहर के राजा साहब इस प्रकार की बात कर