शास्त्रों के अनूसार, जीवन सब जीवों को अवधि प्रदान ही मिलता है, इस अवधि के सफर में ही हर जीव शरीर, मन और आत्मा से अर्जित अपने कर्मों के फल से दुःख और सुख का अनुभव करता है। इंसान ही एक वो प्राणी है, जो हर जीवों में सर्वश्रेष्ठ है। इंसानी शरीर और उसकी क्षमताओं पर गौर करने से यह बात सहज और सरलता से समझ में आ भी जाती है। परन्तु, इंसान की एक ही कमजोरी है, वो वर्तमान से ज्यादा भविष्य को महत्व देता है, परन्तु नहीं ज्ञान करता कि वर्तमान का सही आनन्द तो वही उठा सकता,