हिमालय की ओर - 2अब आगे ....." 2 दिन बाद जाकर उतरा हरिद्वार स्टेशन पर , उस समय सुबह होने वाला था I मैंने अनुभव किया कि पूरे 2 दिन रेलगाड़ी की यात्रा करने के कारण जो थकान आया था वह पूरी तरह से यहां उतरते ही खत्म हो गया I एवं मन मानो तृप्त हो गया है I स्टेशन के बाहर एक चाय की दुकान पर चाय पीने के लिए गया I चायवाले के पास केदारनाथ का रास्ता पूछते ही उसने बताया था कि मैं गलत समय पर आ गया हूं I उस