सुनील की आँखें लाल सुर्ख हो रहीं हैं, मानो जैसे खून उतर आया हो। रुद्र और मनोज दोनों की हालत बयाँ करने की जरूरत ही नहीं है, उन्हें तो मानों साँप सूंघ गया हो। कमरे की टयूब लाइट चर-चर की आवाज के साथ कभी जलती है और कभी बुझ जाती है, पूरे कमरे में सड़न की बदबू फैल गई। सुनील ने किताब से सर उठा कर रुद्र और मनोज की तरफ देखा।उसके देखने मात्र से रुद्र और मनोज के प्राण हलक तक आ गए, उसके देखने का तरीका बहुत ही डरावना और भयावह था। सुनील की चमड़ी का रंग बदलने