पावन ग्रंथ - भगवद्गीता की शिक्षा - 1

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अनुभव को जब भी समय मिलता वह लाइब्रेरी से अपनी मनपसंद पुस्तकें लाकर पढ़ लेता । छुट्टियों में वह घर में रखी हुई पुस्तकें निकाल कर पढ़ता,उसे पढ़ने का बहुत शौक़ था । एक दिन उसने दादी जी को पुस्तक पढ़ते हुए देखा, जब दादी जी पुस्तक रख कर चली गईं तो अनुभव उस पुस्तक को अपने कमरे में लाकर पढ़ने लगा । शुरू से उस पुस्तक को वह पढ़ने लगा लेकिन उसकी समझ में नहीं आ रही थी। अनुभव दादी जी के पास जाकर किताब दिखाते हुए बोला— दादी जी मुझे यह