कलम मेरी लिखती जाएँ - 7

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Kavya sangrah ✍️This chapter for my amazing relations with my father-in-law and mother-in-law. Love you both of you always . ✍️✍️✍️???✍️✍️✍️???✍️✍️✍️??? बहू नहीं तेरा पुत बन मैं दिखावा ?बहु नहीं तेरा बेटा बन खुलोवा ,तेरे आगे अपना सिर झुकोवा ,सिर तेरी दी पगड़ी बन खुलोवा ,तेरी इज़्ज़त बन तेरा मान बढ़ावा ,बहु नहीं तेरा पुत बन मैं दिखावा...चले तू तेरा साया बन चला ,तेरी आई ते मैं तेरे आगे आ खुलोवा ,अपनी ज़िन्दगी तेरे लेखे लगावा ,बहू नहीं तेरा पूत बन मैं दिखावा...चले हमेशा माँ बापू मान से सोचे हर एक संतान ,बहु बन आई तेरे घर बापू पर तेरे पुत तो ज्यादा