अपनी नौकरी की ज्वॉइनिंग के लिए निकिता मुजफ्फरपुर से मुंबई जा रही थी। मई की भीड़-भाड़ में उसका कंफर्म टिकट नहीं हो पाया था और वह वेटिंग में टिकट लेकर जाने को विवश थी। अपनी बोगी में जाकर वह इधर-उधर नजरें घुमाते हुए देख ही रही थी तभी, 'मिस, प्लीज़ इधर बैठ जाइए' कि आवाज सुनकर उसने मुड़कर देखा तो एक नवयुवक उसे बैठने की जगह दे रहा था। इस लंबी दूरी के सफर में एक अदद सी सीट का मिलना उसके लिए रेगिस्तान में पानी मिलने के समान था। टीटी के आने पर, अपनी परेशानी का मिला यह समाधान