हाईकू हाईकू एक शब्दिक छंद है ।इसका तुकांत या अतुकांत होना उतना महत्व नहीं रखता जितना कि पूरे भाव का व्यक्त होना । छोटा छंद होने के बावजूद यह भाव व्यक्त करने का सशक्त माध्यम है। पांच सात पांच की शाब्दिक तीन चरणों के संपूर्ण भाव को समाहित करना होता है । मूलत:इसे जापानी छंद माना जाता है हिन्दी में इसे अंगीकृत किया गया है हालांकि इस केवल। इस छंद के कारण हिन्दी साहित्य में कोई लेखक जाना जाता हो ऐसा नहीं दिखता । लेखक भी इसे खाली समय की रचना ही मानते हैं ।मेरे लिखे