ज़िन्दगी सतरंग.. - 3

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इंसान के अंदर अगर ज़िन्दगी जीने इच्छा हो तो चाहे कितनी भी मुश्किलें हो, कोई न कोई बहाने निकल ही आते है जीने के.. भले ही सब रास्ते बंद हो गए हों दिल अपने आप ही कई रास्ते ढूंढ लेता है.. भले ही गेट पर ताला लग गया हो पर अम्माजी ने दूसरी तरकीब सूझ ली थी.. अब वो छत पर बैठी रहती. सामने गांव की हर चहलकदमी पर पैनी नजर और गांव की ख़ुफ़िया खबरें रास्ते मे आने-जाने वालों से पूछ लेती.. अब वो सबसे बुजुर्ग उन्हें कौन मना कर पाए किसी बात के लिए..औऱ कोई कुछ ना भी