उपन्यास भाग—3 दैहिक चाहत – 3 आर. एन. सुनगरया, शीला ने अपने आपको इस कदर व्यस्त कर लिया, किसी का साहस ही नहीं होता कि कोई उसे फुरसत के क्षणों में अपने घर परिवार की स्वाभाविक समस्याऍं, परस्पर आदान-प्रदान कर सके। मगर इस चकबन्ध वातावरण में भी देव