कैसा ये इश्क़ है.... - (75)

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अर्पिता ने शान की ओर देखा।शान ने अपनी पलके झपका कर अर्पिता को आश्वासन दिया सब ठीक होगा मैं हूँ न।शान के मौन को समझ अर्पिता बोली 'जी हमे पता है शान आप हैं लेकिन मन भय से घबरा रहा है न जाने मां क्या सोचेंगी।कैसे क्या हमे सच में घबराहट हो रही है। शान कुछ नही बोले उन्होंने अर्पिता का हाथ छोड़ा और समान वापस पकड़ कर आगे बढ़ कर डोरबेल बजा दी।अर्पिता शीला जी की सोच को इमेजिन कर इतना घबरा गयी कि वो शान के पीछे जाकर खड़ी हो गयी। डोरबेल सुनने पर कमला बाहर आयी और