दैहिक चाहत - 2

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उपन्‍यास—भाग—2 दैहिक चाहत – 2 आर. एन. सुनगरया, सुबह-सबेरे सही समय पर सबसे पहले ऑफिस पहुँची, शीला। देवजी को अपने ऑफिस की तरफ आते देख शीला ने, आगे बढ़कर उन्‍हें रिसीव किया, ‘’गुड मोर्निंग !’’ देवजी ने मुस्‍कुराते हुये, ‘’हॉस्‍टल से होते हुये आये, शायद आपको कन्‍वेन्‍स ना मिले तो......।‘’